वैलेंटाइन-डे के मौके पर लक्ष्मीनगर में कई ब्लागर्स एकत्र हुए. इस दिन का सदुपयोग करते हुए सभी ब्लागर्स ने एक दूसरे को प्रेम-दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए इस दिन की सार्थकता पर चर्चा की. चर्चा के दौरान हिंदी ब्लाग जगत में फ़ैल रही गुटबाजी जैसी समस्याओं पर चिंता ज़ाहिर की गई. सभी ने एकमत से यह राय जाहिर की, कि ब्लागर समाज की समस्याओं को सामने लाते हैं, इसलिए उन्हें किसी गुट में शामिल न होकर हिंदी के प्रचार-प्रसार की मूल भावना के लिए काम करना चाहिए. आज वेलेंटाइन डे पर कई जगह प्रेम का विरोध करने वालों द्वारा अपनाए जा रहे हिंसक और असामाजिक तौर-तरीकों को ब्लागरों ने गलत ठहराया. ब्लागर्स का कहना है कि प्रेम में बढती उच्चश्रृंखलता का विरोध भी प्रेम से ही करना चाहिए. सभी ब्लागर्स ने निश्चय किया कि वे संत वेलेंटाइन के प्रेम के सन्देश को हिंदी ब्लागिंग के ज़रिये देशभर में फैलाएंगे. ताकि सभी जन आपस के भेदभाव भुलाकर विश्वबंधुत्व की ओर अग्रसर हों. बैठक में यह भी तय किया गया कि इन मुद्दों पर विस्तार से विचार-विमर्श के लिए ब्लागर साथियों की एक बड़ी बैठक जल्द बुलाई जायेगी. इस मौके पर एड़ी-चोटी के उपदेश सक्सेना, जुगाली के संजीव शर्मा, सुमित के तड़के वाले सुमित प्रताप सिंह, सुनील वाणी के सुनील कुमार, मगध एक्सप्रेस के अजीत झा, हरियाणा मेल के सतीश कुमार सहित कई पत्रकार और ब्लागिंग जगत में रूचि रखने वाले लोग मौज़ूद थे.
“जुगाली” समाज में आमतौर पर व्याप्त छोटी परन्तु गहराई तक असर करने वाली बुराइयों, कुरीतियों और समस्याओं पर ‘बौद्धिक विलाप’ कर अपने मन का बोझ हल्का करने और अन्य जुगाली-बाज़ों के साथ मिलकर इन बुराइयों को दूर करने के लिए एक अभियान है. आप भी इस मुहिम का हिस्सा बनकर बदलाव के इस प्रयास में भागीदार बन सकते हैं..
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@किसी गुट में शामिल न होकर हिंदी के प्रचार-प्रसार की मूल भावना के लिए काम करना चाहिए.
जवाब देंहटाएंएक दम फ़िट जुगाली है।
यही है राईट च्वाईस............।
इरादे नेक हों तो सफलता अवश्य मिलती है. हिंदी के प्रचार प्रसार के उद्देश्य की पूर्ति के लिए ढेरों शुभकामनायें. वैसे भी ब्लागरों को रोटियां तो सेकनी नहीं हैं.
जवाब देंहटाएंये कोई नया गुट है क्या भाई ?
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